भारत के वो महान रसायनज्ञ थे जो किसी भी धातु को सोने में बदल देते थे
नागार्जुन एक प्रसिद्ध रसायनशास्त्री थे। इन्होंने अपनी पुस्तक 'रस रत्नाकर' में विभिन्न धातुओं को शुद्ध करने की विधियां दे रखी है।
उन्होंने इसी पुस्तक में अन्य धातुओं से सोना बनाने की विधियां दे रखी है |
नागार्जुन का सम्राज्य सन् 1055 में सौराष्ट्र के अंतर्गत ढाक नामक जगह पड़ता था । इनका मन कभी भी राज करने की नीतियों में नहीं लगा
यह ज्यादातर आविष्कार करते रहते थे।
विज्ञान मे इनका मन था । इन्होंने अमृत और पारस की खोज करने का निर्णय भी किया |
उन्होंने एक बड़ी लैब भी बनवाई और उसने अविष्कार करने लगे । बहुत प्रयत्नों के बाद उन्होंने वह विधि खोज ली जिसमें किसी भी धातु को सोने में बदला जा सकता था ।
उन्होंने अमर होने वाली चीजों की खोज करनी शुरू की । इसी प्रयास में दिन-रात लगे रहे और उनके राज्य में अव्यवस्था फैलने लगी।
इसी बात को लेकर उनके बेटे ने इन्हे राज्य पर ध्यान देने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा कि वह अमर होने वाली दवा बना रहे हैं ।
यही बात उनके बेटे ने अपने दोस्तों को बता दी और किसी ने कोई चाल चलकर इनकी हत्या करवा दी और लैब नष्ट करवा दिया