प्रयोग विधि : सरसों के तेल में कनेर के पुष्प मिला, दस हजार मन्त्र पढ़कर हवन करे तो शत्रु निश्चित मृत्यु को प्राप्त होता है...
ॐ नमो अमुकस्य हन हन स्वाहा ।
ओम् नमः काल भैरो कालिका तीर मार तोड़ बैरी
छाती घोट हाथ काल जो काढ़ बत्तीसी दांती
यदि यह न चले तो नोखरी योगिनी का
तीर छूटे मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा |
मारण मंत्र
विधि : धि २१ टुकड़े गुग्गुलु, २१ फूल कनेर लेकर श्मशान में चिता की अग्नि में १ टुकड़ा गुग्गुलु तथा १ कनेर का फूल मन्त्र पढ़ते हुये हवन करे, २१ दिन करने से शत्रु अवश्य मर जाएगा |
प्रथम दस हजार बार मन्त्र जाप कर यह मन्त्र सिद्धि कर ले फिर शनिवार के दिन गोरोचन तथा कुंकुम से भोजपत्र के ऊपर “स्वाहा मारय हुँ अमुक ह्रीं फट्” लिखे और..........
प्रयोग विधि :
और................ अमुक के स्थान पर शत्रु का नाम लिख, बताए गए मन्त्र से अभिमन्त्रित कर के गले में धारण करे तो शत्रु का नाश हो....
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