विवाहस्थल में प्रवेश लेने से पूर्व दूल्हे द्वारा तोरण मारने की प्रथा का क्या रहस्य है |
हिन्दू में शादी में तोरण मारने की एक आवश्यक रस्म है |
तोरण को शादी वाले घर के मुख्य दरवाजे कर लटका दिया जाता है। लटकाने की सुविधा ना हो तो कोई उसे पकड़ कर दरवाजे के पास खड़ा हो जाता है |
तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ?
दंत कथानुसार एक तोरण नामक राक्षस था जो शादी के समय दुल्हन के घर के द्वार पर तोते का रूप धारण कर बैठ जाता था........
तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ?
......तथा दूल्हा जब द्वार पर आता तो उसके शरीर में प्रवेश कर दुल्हन से स्वयं शादी रचाकर उसे परेशान करता था।
तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ?
एक बार एक राजकुमार जो विद्वान एवं बुद्धिमान था शादी करने जब दुल्हन के घर में प्रवेश कर रहा था अचानक.....
तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ?
..उसकी नजर उस राक्षसी तोते पर पड़ी और उसने तुरंत तलवार से उसे मार गिराया व शादी संपन्न की। बताया जाता है कि तब से ही तोरण मारने की परंपरा शुरू हुई |
तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ?
अब इस रस्म में दुल्हन के घर के दरवाजे पर लकड़ी का तोरण लगाया जाता है, जिस पर एक तोता (राक्षस का प्रतीक) होता है |
तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ?
बगल में दोनों तरफ छोटे तोते होते हैं। दूल्हा शादी के समय तलवार से उस लकड़ी के बने राक्षस रूपी तोते को मारने की रस्म पूर्ण करता है।
तोरण क्या होता है ?
गांवों में तोरण का निर्माण खाती करता है, लेकिन आजकल बाजार में बने बनाए सुंदर तोरण मिलते हैं, जिन पर गणेशजी व स्वास्तिक जैसे धार्मिक चिह्न अंकित होते है और..........
तोरण क्या होता है ?
... दूल्हा तलवार से वार कर तोरण (राक्षस) मारने की रस्म पूर्ण करता है। यानी दूल्हा गणेशजी या धार्मिक चिन्हों पर वार करता है जो कि धार्मिक दृष्टि से उचित नही है |
तोरण क्या होता है ?
एक तरफ हम शादी में गणेश पूजन कर उनको रिद्धि-सिद्धि सहित शादी में पधारने का निमंत्रण देते हैं और दूसरी तरफ तलवार से वार कर उनका अपमान करते हैं, यह उचित नही है |
तोरण क्या होता है ?
अत: तोरण की रस्म पर ध्यान रखकर परंपरागत राक्षसी रूपी तोरण ही लाकर रस्म निभाएं ।