माहिष्मती साम्राज्य कहां है ?
Mahishmati Samrajya History
in Hindi
फिल्म बाहुबली मे आपने
बाहुबली के मुह से कई बार सुना होगा
जय माहिष्मती !!!
क्या ये साम्राज्य काल्पनिक था |
या कुछ और....
.
आखिर ये माहिष्मती साम्राज्य है कहा
या
था कहा ????
माहिष्मती प
्राचीन भारत
की एक नगरी थी,जिसका उल्लेख मह
ाभारत त
था
दीर्घनिकाय
सहित अनेक ग्रन्थों में हुआ है |
अवन्ति महाजनपद
के दक्षिणी भाग में यह सबसे महत्वपूर्ण नगरी थी | बाद में यह अन
ूप महाजनपद क
ी रा
जधानी भ
ी रही ।
अवन्ति विन्ध्य पर्वत के द्वारा दो भागों में विभाजित थी।
उज्जयनी उत्तरी भाग
तथा
माहिष्मती दक्षिणी भाग में स्थित था।
भारतीय प्राचीन साहित्य में माहिष्मती नगर के बारे में कई सन्दर्भ दिये गये हैं,
लेकिन इसकी सही स्थिति पर अभी भी संदेह बना हुआ है ।
एक मान्यता यह है कि माहिष्मती वर्तमान समय के मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के तट पर स्थित माहेश्वर नगर और उसके आस-पास के
क्षेत्र तक फैली थी ।
कहा जाता है कि यह नगरी १४ योजन की थी और पांडवकालीन शिव मंदिर वाला गाँव चोली जो अब तहसील
महेश्वर, जिला खरगोन, मध्यप्रदेश
मे है, तक फैली हुई थी ।
माहेश्वर के समीप ही नर्मदा नदी के तट पर स्थित नगर मंडलेश्वर में आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के मध्य विश्व प्रसिद्ध
शास्त्रार्थ हुआ था |
माहिष्मती नामक नगर की स्थापना नर्मदा नदी के किनारे हैहय वंश के राजा 'महिएतम' ने की थी और सहस्रबाहु जी हैहय वंश का प्रतापी राजा हुआ करते थे |
कुछ मान्यताओ के अनुसार माहिष्मती उ
ज्जयनी
नगर के दक्षिण और प्
रतिष्ठान नग
र के उत्तर में थी, यह इन दोनों नगरों के मध्य स्थित थी |
महर्षि पतंजलि ने उल्लेख किया है कि जो यात्री रात्री मे उज्जयनी से यात्रा प्रारंभ करता था,
तो माहिष्मती नगर में सूर्योदय होता था ।
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